Option Trading को विकल्प ट्रेडिंग भी कहा जाता है जिसकी लोकप्रियता हमारे देश भारत में काफी बढ़ गयी है , यह खरीदार और विक्रेता के बिच में किया गया समझौता है और ट्रेड का एक साधन है जिसके जरिये कई लोग दिन भर में लाखो का मुनाफा अर्जित कर लेते है ,कई एक्सपर्ट option traders एक ही दिन में या कुछ ही घंटो में लाखों करोड़ों रुपए का profit भी बुक कर लेते हैं।
Option trading क्या है ?
Option Trading में नए आने वाले लोगो को इसके बारे पूर्ण जानकारी होनी चाहिए, कैसे यह ट्रेडिंग की जाती है इसमें कॉल और पुट
क्या होते है और इसके क्या losses \हो सकते है।
सरल भाषा में बात करे तो opton trading में पहले से ही कुछ Fix Amount जिसे option premium कहते है
को निवेश कर के भविष्य के लिए कुछ शेयर्स को खरीदा व बेचा जा सकता है। कम premium के कारण ज्यादातर लोग निफ्टी और बैंकनिफ्टी में इस तरह की trading करते हैं,परन्तु इसके साथ ही अन्य शेयर में ऑप्शन ट्रेडिंग भी कर सकते हैं।
Option trading का फायदा क्या है?
यदि ट्रेडर को लगता है की भविष्य में किसी कंपनी के शेयर का दाम बढ़ने या फिर घटने वाले है तो इस option ट्रेडिंग के जरिये कुछ मामूली fix premium का भुगतान कर के आप उस कंपनी का शेयर को पहले ही खरीद क्र रिज़र्व कर सकते है या फिर बेच सकते हैं।
मतलब यह हुआ की इस option trading के जरिये किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने और बेचने के आपको एक बार में पूरा पैसा निवेश करने की जरूरत नहीं अपितु एक छोटा से तय प्रीमियम का भुगतान कर के भविष्य के उक्त शेयर को खरीद और बेच सकते हैं जिसके चलते यदि भविष्य में आपका अंदाजा उस शायर को लेकर गलत निकलता है और उस शेयर में कोई बदलाव नहीं होता तो भी निवेशक को पुरे पैसे का नुक्सान न होकर सिर्फ दिए गए प्रीमियम का ही नुकसान होगा।
उदहरण के मान लिया जाये की TATA
motors का शेयर अभी 2500 रु है और बाजार में TATA
motors की अच्छी reputation बानी हुई है और लगता है की जल्द ही इस शेयर की कीमत 2600 रु पर पहुंच सकती है , और आप इसके कई शयेर खरीदना की इच्छा रखते है परन्तु फिलहाल आपके खाते में सिर्फ 10000 रु ही शेष है
जिस वजह से 2500 रु से मात्र 4 शेयर ही खरीद सकते है , अब कुछ समय बाद यह शेयर 2600 रु पर पहुंच जाता है तो सिर्फ 400 रुपये का ही फायदा हुआ ।
वही यदि इस TATA moters के शेयर को option trading में खरीदा जाता तो इसका फायदा कई गुना बढ़ जाता क्योकि इसमें डायरेक्ट TATA motors से शेयर ना खरीद कर उसका Call Option ( ऑप्शन ट्रेडिंग में Call और Put किसी भी सिक्योरिटी की खरीद और बेचान के लिए बहुत महत्वपूर्ण विकल्प होते है ,इसलिए यदि आपको लगता है की मार्केट ऊपर जा सकता है तो Call
option ख़रीदे और मार्केट के निचे जाने की संभावना हो तो Put option खरीदना चाहिए )
खरीद लिया जिसके लिए पूरा भुगता ना करते हुए कुछ तय प्रीमियम ही देना होता है, जिसकी कीमत लगभग 100 से 200 रु प्रति शेयर होती जिसे सीधे NSE की वेबसाइट पर जाकर TATA मोटर्स सर्च करके ऑप्शन चैन डाटा में देखा जा सकता है।
अब मानते है की TATA मोटर्स का प्रीमियम मात्र 100 रु है तो इस हिसाब से 10000 रु में 100 शेयर खरीद
सकते है अब यदि TATA motors के शेयर की कीमत बढाती है तो इसका प्रीमियम भी बढ़ जाएगा , यदि इस शेयर की कीमत
2500 से बढ़कर 2600 हो जाती है तो इसका प्रीमियम शेयर के मुकाबले 0.5 गुना बढ़ जाएगा ,मतलब प्रीमियम 50 रु बढ़ गया।
अब खरीदे गए Call Option के Premium की कीमत 100 से बढ़कर 150 हो गयी और प्रति शेयर 50 रु का मुनाफा हो गया ,100 रु प्रीमियम की दर से 100 शेयर खरीदे गए थे तो कुल मुनाफा 5000 रु का हुआ , जबकि डायरेक्ट शेयर खरीदते वक्त सिर्फ 400 रु का ही मुनाफा हुआ था।
यदि TATA मोटर्स का शेयर की कीमत में बढ़त की जगह कमी हो जाती तो इस ऑप्शन ट्रेडिंग में उतना ही नुकसान भी सहन करना पड़ता, Option Trading में रिस्क बहुत ज्यादा है परन्तु सही जानकारी रख कर मुनाफे को बढ़ाया जा सकता है।
Option
trading की भी एक Fix Expiry होती है क्योकि यह option Buyes और
sellers के बीच एक Contract
की तरह काम करती हैं इसलिए option trading contract किसी निश्चित तारीख पर या उसके अंदर underlining एसेट खरीदने का अधिकार देता है,परन्तु उस निश्चित तारीख से पहले या उसी तारीख पर अंडरलाइंग एसेट खरीदने की कोई बाध्यता नहीं है परन्तु प्रीमियम अमाउंट देना अनिवार्य होगा जैसे कॉन्ट्रैक्ट करते वक्त दिया गया था।
उदाहरण के लिए मानते है की हम किसी दुकान पर Samsung कंपनी का एक Mobile Phone लेने जाते है जो की बिल्कुल लेटेस्ट है और आपको कुछ जानकारी मिलती है, की कंपनी कुछ ही दिनों में इस मॉडल की कीमतों में बदलाव करने वाली है और आपके अनुसार इस मॉडल की कीमते बढ़ाना तय है परन्तु दुकान पर जाने पर पता चलता है की उक्त मॉडल के सभी सेट बिक चुके है ।
और अगले हफ्ते ही दूसरा स्टॉक आएगा ,परन्तु आपका अनुमान है की कुछ ही दिनों में इसकी कीमतों में बढ़ोतरी होने वाली है तो मुझे अधिक पैसे देना पड़ेंगे , दुकानदार आपको आज की ही कीमत में एक हफ्ते यही मॉडल देने को राजी हो जाता है।
परन्तु एक निश्चित Booking Amount की शर्त पर, पूछने पर मॉडल की कीमत 50000 रुपये बताई जाती है जिसके लिए आपको अभी सिर्फ 1000 रुपये का बुकिंग एडवांस देना है और अगले हफ्ते बाकी बचे हुए 49000 रुपए देकर फोन ले सकते हैं। आप दुकानदार को 1000rs देकर फोन बुक करवा लेते है।
एक हफ्ते बाद दुकान से अपना फोन लेकर बाकी बचे हुए 49000 रुपये देते हुए फोन की आज की कीमत पूछते है तो आपको पता चलता है की कीमत बढ़ने की बजाए घटकर 50000 से 45000 हो गए हैं। ऐसे आपके द्वारा दुकानदार से 45000 में फोन देने की बात की जाती है।
तो वह 45000 रु फोन देने को राजी हो जाता है परन्तु एडवांस दिए 1000 रुपये भूल जाने को बोलता है ,अब हमारे पास दो Option हैं या तो 49000 रुपये देकर फोन लिया जाये फिर 45000 रुपये ,बेशक 45000 रुपये में फोन लिया जाएगा पंरतु Advance दिए गए 1000 रुपये नहीं मिलेगा।
वही यदि उस फोन की कीमत 50000 से बढ़कर 60000 रु हो जाती तो 10000 रु का Profit होता क्योकि दुकानदार को वह फोन मॉडल 50000 रु में ही देना पड़ता क्योंकि आपका और उस दूकानदार का 1 हफ्ते पहले Contract हो चुका था जिसके Premium Amount के रूप में अपने उसे 1000 रु भुगतान किये थे।
Option
Trading को समझने के लिए कुछ Basic चीजों की जानकारी होनी चाइये जैसे सही ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी अपनाकर ही ट्रेड करना ,option trading
के besics की जानकारी रखना और लगातार इसकी प्रैक्टिस करते रहना ,चार्ट को बारीकी से एनालिसिस करना और स्टॉक मार्केट पर गहरी रिसर्च करते हुए ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बनाना।
Option
Trading के फायदों के साथ नुकसान भी हैं यदि बिना सीखे ऑप्शन में ट्रेडिंग करने से पैसा जीरो होने के चांस भी रहते है , कुछ ही मिनटों में लाखो रूपये खत्म हो सकते है।आपके द्वारा खरीदा गया कॉल या पुट ऑप्शन आपके द्वारा सोचे गए अनुमान के विपरीत चला जाता है तो आपके प्रीमियम का मूल्य लगातार कम होता जाएगा।
Option Trading में काम आने वाली और ध्यान रखने वाली कुछ जरुरी टर्म
Strike Price - संचालन कीमत वह कीमत होती है जिसके जरिये ऑप्शन को खरीदा या बेचा जाता है।
Premium - प्रीमियम वह एडवांस भुगतान होता है जिसे ऑप्शन को खरीदने या बेचने के लिए पूर्व में भुगतान किया जाता है।
Option Greeks - ऑप्शन ग्रीक्स अलग अलग पैरामीटर होते है जो ऑप्शन की मूल्य और ऑप्शन के मूवमेंट को मान्यता देते हैं, जो की वेगा, थीटा, रो, गामा और डेल्टा के नाम से होते है और यह काफी अहम् होते हैं।
Expiration Date -समय सीमा वह तारीख होती है ऑप्शन की समय सीमा ख़त्म या मान्यता समाप्त हो रही होती है और ऑप्शन अधिकार समाप्त हो जाता है।
Margin - मार्जिन उस निश्चित राशि को कहते है जो ट्रेडर के लिए तय किये मार्जिन या सुरक्षा राशि होती है जिसे ट्रेडर खरीदारी या बिक्री के लिए इस्तेमाल करते है।
Exchange - विनिमय इस विकल्प के जरिये जरिये ऑप्शन खरीद और बेचान किया जाता है।
Trading Strategy
- ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी वह योजना होती है जिसके जरिये ट्रेडर ऑप्शन की खरीद या बेचान करने के लिए करता है जो की निश्चित विश्लेषण और तर्क आधारित होती है जिससे ट्रेडर को निर्णय लेने में काफी सहायता मिलती है।
Risk Management -
रिस्क मैनेजमेंट एक बहुत ही जरुरी Trading Skill है जिसके जरिये ट्रेडर को Risk को मैनेज करने में सहायता मिलती है ,रिस्क मैनेजमेंट यह निर्धारित करता है कि ट्रेडर इन्वेस्टमेंट अमाउंट को संभालकर अतिरिक्त होने वाली हानि से बच सके।
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